

हो सकता है भारत टी.बी. मुक्त देश, गर जागरूक हो हमारा समाज
निभाए हर कोई अपनी जिम्मेदारी, व् सकारात्मक कदम उठाये आज.
अगर हमारे आस-पास किसी मित्र, रिश्तेदार को, रोज़ होता है ज्वर
और जीना उसका कर दिया हो, दो हफ्ते से ज्यादा की खांसी ने दूभर.
तो दो बलगम जाँच कराएँ, और टी.बी. की रोकथाम का पहला कदम उठायें
रोग के लक्षण मिल गए हो, तो डॉट्स अपनाये, और टी.बी. को भगाएं.
टी.बी. रोग नहीं है लाइलाज, अचूक ओषधि है, इसकी आज हमारे पास
छ से आठ महीने चलता है इलाज, रोगी को मिल जाता है, पूरा आराम.
मित्रो, हो सकती है टी.बी. किसी को भी, धनी क्या गरीब
गलतफहमी में न रहें, और न ही बातें बनायें अजीब.
रोगी भी अपना ध्यान रखे, डॉट्स-दवा रोज़ वो खाए
बिना बताये इलाज न छोड़े, जब तक सब कीटाणु न मर जाये.
यहाँ- वहां न थूके रोगी, नहीं तो रोग का प्रसार होगा
संख्या बढेगी रोगियों की, और परिवार का नुकशान होगा.
मुंह को अपने रुमाल से ढक ले, जब छींक या खांसी आये
इस तरह से टी.बी. रोग को, समाज में, फैलने से बचाएं.
गर हम जिम्मेदार बने, तो कौन यहाँ पर बेमौत मरेगा
टी.बी. का अप्रसार होगा, और देश हमारा स्वस्थ बनेगा,
राज
30/7/2011